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आइये जानते हैं कामसूत्र के लेखक कौन हैं?

कामसूत्र भारत का एक प्राचीन कामशास्त्र ग्रंथ है।  यह विश्व  की प्रथम यौन सन्हीता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतो तथा प्रयोग की विस्त्रित व्याख्या एवम विवेचना की गई है। 

कामसूत्र महर्सि  वात्स्यायन द्वारा रचित है। 

कामसूत्र  को 400 ईसा पूर्व और 300 ईसा पूर्व के बीच रखा है।  यह हिंदू धर्म में सूत्रो की परम्परा है, जो एक अच्छा जीवन जीने के लिये साहित्यिक मार्गदर्शक हैं , जो कामुकता और इच्छा पर एक प्राचीन पाठ है।
 
 कामसूत्र की 64 कलाये कौन-कौन सी हैं ?

गीतँ, वाद्यम, न्रित्यम, आलेखम, विशेसक्च्छेद्यम, तण्डुडुल्कुसुम्वलि विकारा : , पुस्पास्त्रणम, दशनवसनागराग: , 
मणिभूमिकाकर्म , शय्नरचनम , उदकवाद्यम, उदकघात: , चित्राश्च योगा:, माल्यग्रथन विकल्पा: , शेखरकापीडयोजनम , नेपथ्यप्रयोगा: , कर्णपत्त्र भन्गा: , गंधयुक्ति: , भूशणयोजनम , एंद्रेजाला: , कौचुमाराश्च , 
हस्त्लाघवम , विचित्रशाकयूशभक्श्यविकारक्रिया , पानकरसगासवयोजनम , सूचीवानकर्माणि , सुत्रक्रिडा , वीणाड्ममरूकवाद्यानि , प्रहेलिका , प्रतिमाला , दुर्वाचकयोगा: , पुस्तकवाचनम , नाट्काख्यायिकादर्शनम , काव्यसमस्यापूरणम , पट्टिकावानवेत्रविकल्पा: , तक्शकर्माणि , तक्शणम , वास्तुविद्या , रुप्यपरीक्शा , धातुवाद: , मणिरागाकरग्यानम , व्रिक्शायुर्वेदयोगा: , मेश्कुक्कुट्लावक्युद्धविधि: , शुकसारिकाप्रलापनम , उत्सादने सम्वाहने केशम्दर्श्ने च कौशलम , अक्शर्मुस्तिकाकथनम , म्लेच्छितविकल्पा: , देशभासाविग्यानम , पुस्पशकटिका निमित्तग्यानम , यंत्रमात्रिका , धारणमात्रिका , सम्पाठ्यम , मानसी काव्यक्रिया , अभिधानकोश: , छ्न्दोग्यानम , द्युतविशेश: , आकर्शक्र्डा , बालक्रिडनकानि , वैनयिकीनाम , वैजयिकीनाम , व्यायामिकीनाम च , विद्यानाम , ग्यानम इति चतुश्श्टिरंगविद्या. कामसूत्रावयविन्य: 

संसार की हर भासा में इस ग्रंथ का अनुवाद हो चुका है।

https://anandgkpahelifacts.blogspot.com/2021/09/intreresting-and-amazing-facts-in-hindi.html

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